तो दोस्तो आपके मन मे यह सवाल जरूर आता होगा How internet work तो चलिए हम आपको
बताते है पूरे दुनिया का इंटरनेट चलता है ऑप्टिकल
फाइबर वायर से जो समुद्र के अन्दर बिछाई गई है
हमारे घर तक सर्वर को आने में तीन जोन से गुजरना पड़ता है पहले जोन में वे कंपनी आती है जो इतने विशाल समुद्र के अंदर ऑप्टिकल फाइबर वायर बिछाई है जिन्होंने अपने पैसा समुंदर के अंदर तार बिछाने में ख़र्च किया है इनको हम टियर 1 जोन के श्रेणी में रखते है इन्होंने एक बार पैसा लगा दिया बस
इनको पैसे लगाने की कोई जरूरत नही है जो ऑप्टिकल फाइबर वायर होता उसके अंदर हमारे बाल कि आकार कि छोटे छोटे वायर होते है जिनकी
स्पीड 100gb पर सेकंड होती है
टियर 2 कंपनी
इस जोन में वे कंपनी आती है जो टियर 1 वाली कंपनी से इंटरनेट लेती है जैसे कि टियर 1,वाली कंपनी समुंदर के अंदर वायर बिछाकर एक दूसरे देश तक समुन्द्र के रास्ते ले आयी उसके बाद जो दूसरे टियर की कंपनी है कि चलो आप हमारे देश तक ले आये
अब हम टावर लगा कर दूसरे राज्यों तक इंटर नेट पहुंचा देंगे और वे कंपनी हमारे राज्यों और तक इंटर नेट पहुचा देती है और 1gb के हिसाब से टियर वाली कंपनी को पैसे देती है और हमसे बढ़ाकर पैसे चार्ज करती जिससे वो खुद प्रोफिट earn करते है इंडिया में में लैंडिंग पॉइंट मुम्बई और चेन्नई है यह से डेटा अलग अलग राज्यों के लिए जाता है idea ,airtel, jio मुम्बई पहुँच गए केबल को आगे ले जाती है ये सब टियर २ जोन में आती है jio इतना सस्ता data इसलिए देता है क्योंकि इसने एशिया अफ्रीका और यूरोप में अपनी खुद की वायर बिछाई है इसलिए उसे वहां किसी टियर १वाले को पैसा नही देना पड़ता
टियर 3 जोन
इस जोन में वे कंपनी आती है जो हमारे घर तक डाटा
पहुचाती है ये टियर 2 जोन वाली कंपनी को 1gb के हिसाब से पैसे चार्ज करती है और हमसे पैसे बढ़ाकर लेती है और खुद पैसे ज्यादा कमाती है जैसे आपने कोई वेबसाइट सर्च तो वह डाटा आपके कंप्यूटर से निकल कर टियर 2 कंपनी वाले सर्वर के पास जाता है
फिर उसके बाद वह टियर 1 वाली कंपनी से होता हुआ गूगल के सर्वर के पास जाता है और result आपके कंप्यूटर के स्क्रीन पे आ जाता है आपने कुछ सर्च किया तो वह आपके कंप्यूटर से होके आपके जिले फिर आपके राज्य उसके बाद मुम्बई जाएगा फिर मुम्बई से समुद्र के अंदर फ़ैली ऑप्टिकल फाइबर वायर से कैलिफोर्निया उसके बाद गूगल के सर्वर में जाता है मुझे आशा यह आपको यह पता चल गया होगा कि How internet work
So thak u for visiting my blog
बताते है पूरे दुनिया का इंटरनेट चलता है ऑप्टिकल
फाइबर वायर से जो समुद्र के अन्दर बिछाई गई है
हमारे घर तक सर्वर को आने में तीन जोन से गुजरना पड़ता है पहले जोन में वे कंपनी आती है जो इतने विशाल समुद्र के अंदर ऑप्टिकल फाइबर वायर बिछाई है जिन्होंने अपने पैसा समुंदर के अंदर तार बिछाने में ख़र्च किया है इनको हम टियर 1 जोन के श्रेणी में रखते है इन्होंने एक बार पैसा लगा दिया बस
इनको पैसे लगाने की कोई जरूरत नही है जो ऑप्टिकल फाइबर वायर होता उसके अंदर हमारे बाल कि आकार कि छोटे छोटे वायर होते है जिनकी
स्पीड 100gb पर सेकंड होती है
टियर 2 कंपनी
इस जोन में वे कंपनी आती है जो टियर 1 वाली कंपनी से इंटरनेट लेती है जैसे कि टियर 1,वाली कंपनी समुंदर के अंदर वायर बिछाकर एक दूसरे देश तक समुन्द्र के रास्ते ले आयी उसके बाद जो दूसरे टियर की कंपनी है कि चलो आप हमारे देश तक ले आये
अब हम टावर लगा कर दूसरे राज्यों तक इंटर नेट पहुंचा देंगे और वे कंपनी हमारे राज्यों और तक इंटर नेट पहुचा देती है और 1gb के हिसाब से टियर वाली कंपनी को पैसे देती है और हमसे बढ़ाकर पैसे चार्ज करती जिससे वो खुद प्रोफिट earn करते है इंडिया में में लैंडिंग पॉइंट मुम्बई और चेन्नई है यह से डेटा अलग अलग राज्यों के लिए जाता है idea ,airtel, jio मुम्बई पहुँच गए केबल को आगे ले जाती है ये सब टियर २ जोन में आती है jio इतना सस्ता data इसलिए देता है क्योंकि इसने एशिया अफ्रीका और यूरोप में अपनी खुद की वायर बिछाई है इसलिए उसे वहां किसी टियर १वाले को पैसा नही देना पड़ता
टियर 3 जोन
इस जोन में वे कंपनी आती है जो हमारे घर तक डाटा
पहुचाती है ये टियर 2 जोन वाली कंपनी को 1gb के हिसाब से पैसे चार्ज करती है और हमसे पैसे बढ़ाकर लेती है और खुद पैसे ज्यादा कमाती है जैसे आपने कोई वेबसाइट सर्च तो वह डाटा आपके कंप्यूटर से निकल कर टियर 2 कंपनी वाले सर्वर के पास जाता है
फिर उसके बाद वह टियर 1 वाली कंपनी से होता हुआ गूगल के सर्वर के पास जाता है और result आपके कंप्यूटर के स्क्रीन पे आ जाता है आपने कुछ सर्च किया तो वह आपके कंप्यूटर से होके आपके जिले फिर आपके राज्य उसके बाद मुम्बई जाएगा फिर मुम्बई से समुद्र के अंदर फ़ैली ऑप्टिकल फाइबर वायर से कैलिफोर्निया उसके बाद गूगल के सर्वर में जाता है मुझे आशा यह आपको यह पता चल गया होगा कि How internet work
So thak u for visiting my blog
No comments:
Post a Comment